Wednesday, April 4, 2012

सुबह सवेरे (बाल कविता)


सुबह सवेरे, प्यारे-प्यारे,
फूल खिले हैं आँगन में,
मोर नाचे, कोयल गाए,
खेल रहे हैं बागन में |
उठो-उठो अब आँखे खोलो,
बाहर थोड़ी दौड लगाओ,
सुनहरी धूप, ठंडी पवन में,
झूमों गाओ, खुशी मनाओ |
मैना बोले चू-चुड-चूsss
मुर्गा बोले कु-कुड-कूsss
आओ दोस्तों, आ भी जाओ,
साथ मिलकर नाचो, गाओ |